Vishal Ramawat

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लेखनी प्रतियोगिता -26 जनवरी

आज के दिन ओर एक ओर दिन यानी कि 26 जनवरी के दिन ही कुछ भारतीयों की देशभक्ति जगती है । सोशल मीडिया पर ओर सभी जगह पर अपनी झूठी देशभक्ति दिखाते हैं। साल भर क्या हो रहा है उससे इनको कुछ भी मतलब नही है बस इनको तो सिर्फ ज्ञान देना । आर्मी को ऐसा करना चाहिए, आर्मी को वैसा करना चाहिए। आज देश को जितना खतरा दूसरे देशों से है उससे अधिक खतरा देश के भीतर के असामाजिक तत्वों से है जो देश को खोखला करने में लगे हैं। आज गणतंत्र दिवस का मतलब झंडा फहराना, एक दिन की छुट्टी और टीवी तथा एफएम पर दिन भर चलने वाले देश भक्ति के गीत बन गये हैं! थोड़ी और देश भक्ति दिखानी हो तो फेसबुक और दूसरे सोशल मीडिया में देशभक्ति वाली दो चार पोस्ट डाल लो या अपनी प्रोफाइल पिक में भारत का झंडा लगा लो। सबसे ज्यादा देशभक्ति दिखाई देती है भारत पाक क्रिकेट मैच के दौरान, अगर भारत जीत जाए तो पूरी रात पटाखे चलते हैं लेकिन यदि हार जाए क्रिकेटरों की शामत आ जाती है। सिर्फ एक दिन के लिए सोशल मीडिया पर हर कोई देश भक्ति में डूबा हुआ दिखाई देता है।


लेकिन जब देश के लिए कुछ करने की बात आती है तो हम ट्रैफिक सिग्नलस जैसे एक छोटे से कानून का पालन भी नहीं करना चाहते क्योंकि हमारा एक एक मिनट बहुत कीमती है। गाड़ी को पार्क करना है तो हम अपनी सुविधा से करेंगे कहीं भी क्योंकि हमारे लिए कानून से ज्यादा जरूरी वही है। कचरा फैंकना होगा तो कहीं भी फेंक देंगे चलती कार बस या ट्रेन कहीं से भी और कहाँ गिरा हमें उससे मतलब नहीं है बस हमारे आसपास सफाई होनी चाहिये देश भले ही गंदा हो जाए। देश चाहे किसी भी विषय पर कोई भी कानून बना ले हम कानून का ही सहारा लेकर और कुछ ''ले दे कर" बचते आए हैं और बचते रहेंगे क्योंकि देश प्रेम अपनी जगह है लेकिन हमारी सुविधाएं देश से ऊपर हैं। इस सोच को बदलना होगा। जब तक हम अपनी सोच को नही बदल सकते इस देश का कुछ नही हो सकता जैसे पहले चलता आ रहा था आगे भी वैसा ही चलता रहेगा।


इतिहास गवाह है कि जिस देश के नागरिकों की अपने देश के प्रति प्रेम व सम्मान की भावना ख़त्म हो जाती है वह दिन देश एक बार फिर गुलाम बन जाता है। गुलाम का मतलब यह नही की अंग्रेज वापस आ जाएंगे। अगर लोग जागरूक नही होगे तो  कोई भी नेता देश को अपने हित के लिए इस्तेमाल कर सकता है । देश की कानून व्यवस्था का  गलत इस्तेमाल करके, देश मे बेमतलब के नए कानून लाक़े या पुराने क़ानून में बदलाव करके। लोगों को धर्म के नाम पर भड़का के देश मे दंगा करवा सकते है।
 
दरअसल बात केवल युवाओं की नहीं है हम सभी की है। आज हम सब देश की बात करते हैं लेकिन यह कभी नहीं सोचते कि देश है क्या? केवल कागज़ पर बना हुआ एक मानचित्र अथवा धरती का एक अंश! जी नहीं देश केवल भूगोल नहीं है वह केवल सीमा रेखा के भीतर सिमटा ज़मीन का टुकड़ा नहीं है! वह तो भूमि के उस टुकड़े पर रहने वालों की कर्मभूमी हैं, जन्म भूमि है, उनकी पालनहार है, माँ है, उनकी आत्मा है। देश बनता है वहाँ रहने वाले लोगों से, आप से, हम से, बल्कि हम सभी से।


हर एक व्यक्ति सिपाही नहीं बन सकता है, मगर वह भी कुछ कार्यो और जिम्मेदारियां निभाकर देश भक्ति दिखा सकता है देश के लिए कुछ कर सकता है। हम अपने आसपास के इलाको को साफ़ रख सकते है। अपने शहर को साफ़ रखने के लिए लोगो को जागरूक कर सकते है कि वह यहां वहां कूड़ा कचरा ना फेंके। सभी लोग अपने नगरों को साफ़ रखेंगे तो बीमारियां कम होगी और देश भी सुरक्षित रहेगा।


लोगो को सार्वजनिक स्थलों को साफ़ सुथरा रखना चाहिए। कुछ मनचले लोग कुछ भी लिखकर सार्वजनिक स्थलों को गन्दा करते है, जो गलत है। हमे उन शहीदों का हमेशा सम्मान करना चाहिए जिन्होंने अपने देश को बचाने के लिए अपनी जान दे दी। लोगो को जाति, धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए। भारत में कई भाषाएं बोलने वाले और धर्मो को मानने वाले लोग रहते है। सबको मिल जुलकर एक साथ रहना चाहिए।


अगर हमारी बात आपको बुरी लगे तो हमे क्षमा करे हमारा उद्देश्य आपकी भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था।

जय हिंद...

।। जयसियाराम ।।

vishalramawat"su

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10 Comments

sunanda

11-Feb-2023 11:27 AM

nice

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Babita patel

01-Feb-2023 05:36 AM

nice

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madhura

29-Jan-2023 12:19 PM

nice

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